हार्ट अटैक के पहले 5 मिनट में क्या करें?

❤️ हार्ट अटैक क्या होता है?

हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय तक जाने वाली रक्त आपूर्ति (Blood Supply) अचानक रुक जाती है।
ऐसा तब होता है जब कोरोनरी आर्टरी (Coronary Artery) में किसी कारणवश ब्लॉकेज (जमाव) बन जाता है।
इस ब्लॉकेज के कारण हृदय की मांसपेशियों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे हृदय की कोशिकाएं मरने लगती हैं।

➤ हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में फर्क:

हार्ट अटैक = रक्त प्रवाह रुकना

कार्डियक अरेस्ट = दिल की धड़कन रुक जाना

हर साल भारत में लाखों लोग हार्ट अटैक (Heart Attack) के कारण अपनी जान गंवाते हैं। सबसे बड़ी गलती यह होती है कि लोग पहले 5 मिनट में सही कदम नहीं उठाते।
दरअसल, हार्ट अटैक के पहले 5 मिनट ही सबसे अहम होते हैं, क्योंकि इस समय पर सही एक्शन लेने से जान बचाई जा सकती है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हार्ट अटैक के पहले 5 मिनट में क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए, इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय।

⚠️ हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण

अगर आप या आपके आस-पास कोई व्यक्ति इन लक्षणों को महसूस कर रहा है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं:

  1. सीने में दर्द या दबाव महसूस होना (Chest Pain or Pressure)
  2. दर्द का फैलना — बाएं हाथ, कंधे, जबड़े, गर्दन या पीठ तक
  3. सांस लेने में तकलीफ
  4. अत्यधिक पसीना आना
  5. चक्कर या बेहोशी
  6. मतली या उल्टी
  7. दिल की धड़कन तेज या अनियमित होना

हार्ट अटैक के पहले 5 मिनट में क्या करें?

ये 5 मिनट जीवन और मृत्यु के बीच का फर्क तय कर सकते हैं।
यहाँ दिए गए कदम हर किसी को याद रखने चाहिए —

1️⃣ तुरंत मदद बुलाएँ (Call for Help)

  • सबसे पहले एम्बुलेंस को कॉल करें (108 या 102)।
  • खुद वाहन चलाने की कोशिश न करें।
  • परिवार या आस-पास के लोगों को सूचित करें कि यह हार्ट अटैक का मामला हो सकता है।

📞 भारत में इमरजेंसी नंबर:

एम्बुलेंस: 108

मेडिकल हेल्पलाइन: 102

  • 2️⃣ व्यक्ति को शांत रखें (Keep the Patient Calm)
  • डर और तनाव से दिल पर और दबाव बढ़ता है।
  • व्यक्ति को आराम से बैठाएँ, लेटने न दें।
  • गहरी सांस लेने के लिए कहें।
  • टाइट कपड़े ढीले कर दें।

3️⃣ एस्पिरिन (Aspirin) दें — अगर डॉक्टर ने पहले बताया हो

  • अगर मरीज को डॉक्टर ने पहले से बताया हो, तो उसे 1 टैबलेट Aspirin (300 mg) चबाने के लिए दें।
  • यह ब्लड क्लॉट (खून के थक्के) बनने से रोकता है।
    ⚠️ लेकिन अगर व्यक्ति को एलर्जी, अल्सर या ब्लीडिंग की समस्या है, तो Aspirin न दें।

4️⃣ नाइट्रोग्लिसरीन दें (अगर डॉक्टर ने पहले दी हो)

  • अगर व्यक्ति हार्ट पेशेंट है और डॉक्टर ने नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerin) टैबलेट या स्प्रे लिखी है, तो उसे जुबान के नीचे दें।
  • यह रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर देता है और दर्द को कम करता है।

5️⃣ व्यक्ति की सांस और धड़कन पर नज़र रखें (Monitor Breathing & Pulse)

  • यदि व्यक्ति बेहोश हो जाए या सांस लेना बंद कर दे, तो तुरंत CPR (Cardio Pulmonary Resuscitation) शुरू करें।
  • अगर CPR नहीं आता, तो कोशिश करें कि कोई प्रशिक्षित व्यक्ति मदद करे।

CPR कैसे करें? (अगर व्यक्ति की धड़कन रुक जाए)

अगर व्यक्ति बेहोश है और सांस नहीं ले रहा है, तो CPR (सीपीआर) करें।

➤ सीपीआर करने का तरीका:

  1. व्यक्ति को पीठ के बल सपाट जगह पर लिटाएँ।
  2. दोनों हथेलियाँ एक-दूसरे पर रखकर छाती के बीचों-बीच रखें।
  3. 100 से 120 बार प्रति मिनट छाती को दबाएँ (लगभग हर सेकंड में 2 बार)।
  4. हर 30 दबाव के बाद 2 बार मुँह से सांस दें (यदि प्रशिक्षित हैं)।
  5. यह करते रहें जब तक एम्बुलेंस न पहुँच जाए या व्यक्ति की धड़कन वापस न आ जाए।

🚫 हार्ट अटैक के दौरान क्या नहीं करना चाहिए

  1. व्यक्ति को पानी या खाना न दें।
  2. जोर-जोर से हिलाएँ या उठाएँ नहीं।
  3. स्वयं ड्राइव करके अस्पताल न जाएँ — इससे हालत और बिगड़ सकती है।
  4. घरेलू उपाय या देसी नुस्खों पर भरोसा न करें।
  5. “थोड़ा आराम कर लो” जैसी सलाह न दें — हर सेकंड कीमती है।

🏥 अस्पताल पहुँचने पर क्या किया जाता है?

अस्पताल में डॉक्टर निम्न जांच और उपचार करते हैं:

  1. ECG (Electrocardiogram) – दिल की धड़कन की जाँच।
  2. Blood Test (Troponin Test) – हार्ट डैमेज का पता।
  3. ऑक्सीजन सपोर्ट।
  4. ब्लड थिनर या क्लॉट बस्टर दवाइयाँ।
  5. जरूरत पड़ने पर एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी।

हार्ट अटैक से बचाव कैसे करें?

रोज़मर्रा की आदतों में छोटे बदलाव आपके दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।

✅ अपनाएँ:

  1. संतुलित और हेल्दी डाइट (कम तेल, कम नमक, ज्यादा फल-सब्जियाँ)
  2. रोज़ाना 30 मिनट वॉक या एक्सरसाइज
  3. धूम्रपान और शराब से दूरी
  4. तनाव को कम करें (योग, ध्यान, म्यूज़िक)
  5. ब्लड प्रेशर और शुगर को कंट्रोल में रखें
  6. नियमित हेल्थ चेकअप कराते रहें

📊 भारत में हार्ट अटैक से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • भारत में हर 33 सेकंड में एक व्यक्ति हार्ट अटैक से मरता है।
  • 40 वर्ष से ऊपर के लोगों में हार्ट अटैक का खतरा 3 गुना ज्यादा होता है।
  • अब 30 वर्ष से कम उम्र के युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
  • असंतुलित खानपान, तनाव, धूम्रपान और नींद की कमी इसके बड़े कारण हैं।

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